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10 साल का हिसाब, 5 साल के ख्वाब और हजार साल की बुनियाद… 90 मिनट की स्पीच में क्या-क्या बोले PM मोदी

भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया. इसके बाद उन्होंने राष्ट्र को संबोधित किया. पीएम मोदी ने 90 मिनट तक देश को संबोधित किया. यह चौथा सबसे बड़ा संबोधन था. इससे पहले 2016 में उन्होंने सबसे ज्यादा 94 मिनट तक देश को संबोधित किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से देश को संबोधित किया. पीएम मोदी ने 90 मिनट के अपने इस 10वें संबोधन में 10 साल की सरकार का हिसाब दिया. इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि इस समय हम जो फैसला लेंगे, वे 1 हजार साल तक भारत की दिशा और भाग्य को लिखने वाले होंगे. पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा. इतना ही नहीं पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में ही मणिपुर हिंसा का जिक्र किया और राज्य में शांति स्थापित करने की अपील की. पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार, तुष्टीकरण और परिवारवाद को विकास का दुश्मन बताते हुए खत्म करने की अपील की. आइए जानते हैं कि पीएम मोदी ने अपने संबोधन में क्या क्या कहा?

पीएम मोदी ने कहा कि मणिपुर में हिंसा का दौर चला. वहां बेटियों और महिलाओं के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ. उन्होंने कहा कि कुछ दिनों से मणिपुर में शांति की खबरें आ रही हैं. देश मणिपुर के साथ है. पीएम मोदी ने कहा कि शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा. केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर समाधान के लिए भरपूर प्रयास कर रही है.

पीएम मोदी ने कहा, मैं 10 साल का हिसाब तिरंगे की साक्षी में लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को दे रहा हूं. 10 साल पहले राज्यों को 30 लाख करोड़ भारत सरकार की तरफ से ज्यादा थे, पिछले 9 साल में ये आंकड़ा 100 लाख करोड़ पर पहुंचा है. पहले स्थानीय निकाय के विकास के लिए भारत सरकार से 70 हजार करोड़ जाता था आज वो 3 लाख करोड़ से ज्यादा है. पहले गरीबों के घर के लिए 90 हजार करोड़ रुपये खर्च होता था आज 4 लाख करोड़ रुपये खर्च होता है. भारत सरकार 10 लाख करोड़ रुपये किसानों के लिए यूरिया में सब्सिडी दे रहा है.

प्राकृतिक आपदा पर क्या बोले पीएम मोदी?

पीएम मोदी ने कहा, इस बार प्राकृतिक आपदा ने देश के अनेक हिस्सों में अकल्पनीय संकट पैदा किए. जिन परिवारों ने इस संकट को सहन किया है मैं उन सभी परिवारों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं. राज्य-केंद्र सरकार मिलकर उन सभी संकटों से मुक्त होकर तेजी से विकास की ओर आगे बढ़ेंगी, ये विश्वास दिलाता हूं.

पीएम मोदी ने कहा, इतिहास में कुछ पल ऐसे आते हैं, जो अमिट छाप छोड़कर जाते हैं. उनका प्रभाव सदियों तक रहता है और कभी-कभी शुरूआत में वे बहुत छोटे लगते हैं लेकिन बाद में अनेक समस्याओं की जड़ बन जाते हैं. हमें याद है 1,000-1200 साल पहले इस देश पर आक्रमण हुआ. एक छोटे से राज्य में छोटे से राजा की पराजय हुई. लेकिन तब पता तक नहीं था कि एक घटना भारत को हजार साल की गुलामी में फंसा देगी और हम गुलामी में जकड़ते गए. जो आया, लूटता गया.

उन्होंने कहा, इस कालखंड में कोई भूभाग ऐसा नहीं था, कोई समय ऐसा नहीं था जब भारत के वीरों ने देश की आजादी की लौ को जलाये न रखा हो. देश की नारीशक्ति, देश के किसान, देश के मजदूर, कोई भी ऐसा नहीं था जो आजादी के सपने को लेकर जीता न हो. जनचेतना का वह व्यापक रूप, त्याग और तपस्या का वह व्यापक रूप, जन-जन के अंदर विश्वास जगाने वाला वह पल, आखिरकार 1947 में देश आजाद हुआ.

पीएम मोदी ने कहा, आज झुग्गी-झोपड़ी से निकले बच्चे दुनिया में पराक्रम दिखा रहे हैं. छोटे-छोट गांव, कस्बे के नौजवान, हमारे बेटे-बेटियां आज कमाल दिखा रहे हैं. मैं देश के नौजवानों को कहना चाहता हूं, आज अवसरों की कमी नहीं है. आप जितने अवसर चाहेंगे, ये देश आसमान से ज्यादा अवसर देने का सामर्थ्य रखता है.

पीएम ने कहा, मैं माताओं-बहनों, बेटियों से कहना चाहता हूं कि देश आज मेरी माताओं-बहनों के सामर्थ्य से आगे बढ़ा है. आज देश प्रगति की राह पर चल पड़ा है तो मेरे किसान भाई-बहनों का पुरुषार्थ है, यह आप ही का परिश्रम है कि देश आज कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है. आज G20 होस्ट करने का भारत को अवसर मिला है. पिछले एक साल से देश के हर कोने में जिस प्रकार से G20 के अनेक आयोजन व कार्यक्रम हुए हैं, उसने देश के सामान्य मानवी के सामर्थ्य से दुनिया को ​परिचित करवा दिया है. भारत की विविधता को दुनिया अचंभे से देख रही है, जिस कारण भारत का आकर्षण बढ़ा है.

पीएम मोदी ने कहा, आपने ऐसी सरकार Form की है कि मोदी में Reform की हिम्मत आई और जब मोदी ने एक के बाद एक रिफॉर्म किए तो देश के कोने-कोने में सरकार के हिस्से के रूप में काम कर रहे ब्यूरोक्रेसी के लोगों ने Perform करने की जिम्मेदारी निभाई. अब जनता-जनार्दन जुड़ गई तो Transform होता नजर आ रहा है.  पीएम मोदी ने कहा, 2014 में हम वैश्विक अर्थव्यस्था में 10वें नंबर पर थे और आज 140 करोड़ देशवासियों का पुरूषार्थ रंग लाया है और हम विश्व की 5वीं अर्थव्यस्था बन चुके हैं. ये ऐसे ही नहीं हुआ है, लीकेज को हमने बंद किया, मजबूत अर्थव्यस्था बनाई, हमने गरीब कल्याण के लिए ज्यादा से ज्यादा धन खर्च करने का प्रयास किया. मैं आपसे वादा करता हूं कि अगले 5 साल में भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में होगा.

महंगाई पर नियंत्रण का प्रयास- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, जब इनकम टैक्स में छूट बढ़ती है, तो सबसे ज्यादा लाभ सैलरी क्लास को होता है. मेरे परिवारजनों विश्व कोरोना के बाद उभर नहीं पाया है. युद्ध ने नई मुसीबत पैदा की है. दुनिया महंगाई के संकट से जूझ रही है. हम भी दुनिया से सामान लाते हैं, हमारा दुर्भाग्य है कि महंगाई इंपोर्ट करनी पड़ती है. भारत ने महंगाई पर नियंत्रित रखने के लिए कई प्रयास किए हैं. हमें सफलता भी मिली है. दुनिया से अच्छी स्थिति हमारे लिए है, यह सोचकर हम बैठ नहीं सकते. हमारा लक्ष्य देश को महंगाई से छुटकारा दिलाना है. इसके लिए हमारे प्रयास जारी रहेंगे.

पीएम मोदी ने कहा, देश में रेल आधुनिक हो रही है तो वंदे भारत ट्रेन भी आज देश के अंदर काम कर रही है. गांव-गांव पक्की सड़कें बन रही हैं तो इलेक्ट्रिक बसें, मेट्रो की रचना भी आज देश में हो रही है। आज गांव-गांव तक इंटरनेट पहुंच रहा है. आज भारत पुरानी सोच, पुराने ढर्रे को छोड़ करके, लक्ष्यों को तय करके, लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए चल रहा है. जिसका शिलान्यास हमारी सरकार करती है, उसका उद्घाटन भी हम अपने कालखंड में ही करते हैं. हमारे देश में 25 साल से चर्चा हो रही थी कि नई संसद बने, लेकिन ये मोदी है…समय के पहले नई संसद बना के रख दिया. ये काम करने वाली सरकार है, निर्धारित लक्ष्यों के साथ काम करने वाली सरकार है.

पीएम मोदी ने कहा, भारत का सामर्थ्य और विश्वास नई बुलंदियों को पार करने वाली हैं. आज देश में जी-20 समिट की मेहमाननवाजी का मौका मिला. जी-20 के देशभर के कोने में अलग अलग आयोजन हुए हैं. इससे सामान्य मानवीय के सामर्थ्य का दुनिया के सामने परिचय हुआ है. भारत को जानने समझने की जरूरत बढ़ी है. भारत का एक्सपोर्ट तेजी से बढ़ा है. एक्सपर्ट कह रहे हैं कि भारत रुकने वाला नहीं है. कोरोना काल के बाद दुनिया नए सिरे से सोचने लगी है. मैं विश्वास से देख रहा हूं कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया ने जो आकार लिया था, कोरोना के बाद ग्लोबल ऑर्डर, नया पॉलिटिकल इक्वेशन आगे बढ़ रहा है. इसके जरिए परिभाषाएं बदल रही हैं. बदलते हुए विश्व को आकार देने में 140 करोड़ भारतीयों का सामर्थ्य नजर आ रहा है. आप निर्णायक मोड़ पर खड़े हैं. कोरोना में लोगों ने आपके सामर्थ्य को पहचाना है. आज वर्ल्ड ऑर्डर तय करने में गेंद हमारे पाले में है. इस मौके को छोड़ना नहीं चाहिए.

पीएम मोदी ने कहा, भ्रष्टाचार ने हमारे देश को दीमक की तरह नोंच लिया है. लेकिन ये मोदी के जीवन का कमिटमेंट है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहूंगा. दूसरा, परिवारवाद ने हमारे देश को नोंच लिया है. इस परिवारवाद जिस तरह से देश को जकड़ के रखा है, इसने लोगों का हक छीना है. तीसरी बुराई तुष्टिकरण की है. इस तुष्टिकरण ने देश की मूलभूत चिंतन को, हमारे राष्ट्रीय चरित्र को दाग लगा दिए हैं. तहस-नहस कर दिया है. इसलिए हमें इन बुराइयों…भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण के साथ पूरे सामर्थ्य के साथ लड़ना है.

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