तमिलनाडु CM एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने चेन्नई में 2 सितंबर को एक कार्यक्रम में सनातन धर्म के खिलाफ बयान दिया था। अब चार दिन बाद उन्होंने पहली बार उस बयान का बचाव किया। उदयनिधि ने कहा, वे किसी भी धर्म के दुश्मन नहीं हैं। उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया। उदयनिधि ने कहा था- मच्छर, डेंगू, फीवर, मलेरिया और कोरोना ये कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनका केवल विरोध नहीं किया जा सकता, बल्कि उन्हें खत्म करना जरूरी होता है। सनातन भी इसी तरह है। हालांकि उदयनिधि के इस बयान से विपक्षी गठबंधन की कई पार्टियों कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) सहित अन्य ने किनारा किया। संजय राउत बोले- किसी को भी ऐसे बयानों से बचना चाहिए।
उदयनिधि की तरफ से जारी बयान की 5 बड़ी बातें…
- उदयनिधि स्टालिन ने 7 सितंबर को X (पहले टि्वटर) पर एक बयान जारी करते हुए मोदी सरकार पर हमला किया। स्टालिन ने कहा- मोदी एंड कंपनी ध्यान भटकाने के लिए सनातन चाल का इस्तेमाल कर रही है।
- पीएम मोदी भारत में मणिपुर के बारे में सवालों का सामना करने से डरते हैं और अपने दोस्त अडाणी के साथ दुनिया भर में घूम रहे हैं। सच तो यह है कि लोगों की अज्ञानता ही उनकी नाटकीय राजनीति की पूंजी है।
- उदयनिधि ने लिखा – पिछले 9 सालों से, आपके (भाजपा) सभी वादे खोखले वादे हैं। आपने वास्तव में हमारे कल्याण के लिए क्या किया है, यह सवाल वर्तमान में एक निहत्थे, फासीवादी भाजपा सरकार के खिलाफ पूरे देश द्वारा एकजुट होकर उठाया जा रहा है।’
- उदयनिधि ने कहा, आश्चर्य की बात यह है कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री फेक न्यूज के आधार पर मेरे खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे।
- उदयनिधि ने आगे लिखा – मैं भी एक अध्यात्मवादी हूं। यदि कोई धर्म लोगों को जातियों के नाम पर विभाजित करता है। उस धर्म में छुआछूत और गुलामी नजर आती है तो मैं उस धर्म का विरोध करने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा।
सनातन विवाद की टाइमलाइन…
2 सितंबर : उदयनिधि स्टालिन चेन्नई में एक सनातन उन्मूलन कार्यक्रम में शामिल हुए। वहां स्पीच के दौरान उन्होंने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की। उदयनिधि ने कहा- जिस तरह मलेरिया और कोरोना को खत्म किया जाना जरूरी है उसी तरह सनातन भी है। उदयनिधि के इस कमेंट पर बीजेपी आईटे सेल हेड अमित मालवीय ने X पर लिखा – उदयनिधि की बातों से यह लगता है कि सनातन को मानने वाली 80 प्रतिशत आबादी का नरसंहार कर दो।
3 सितंबर : उदयनिधि ने सनातन धर्म को खत्म करने की बात फिर दोहराई। बोले- मैंने केवल सनातन धर्म की आलोचना की है और सनातन धर्म को खत्म कर दिया जाना चाहिए। ये बात मैं लगातार कहूंगा। कुछ लोग बचकाना व्यवहार कर रहे हैं और कह रहे हैं कि मैंने नरसंहार के लिए आमंत्रित किया है। उदयनिधि ने कहा- PM मोदी भी कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते हैं, तो क्या इसका मतलब यह है कि कांग्रेसियों को मार दिया जाना चाहिए?
6 सितंबर : चेन्नई में मीडिया से बातचीत में उदयनिधि ने कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं। वे हिंदू धर्म के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि जातिगत भेदभाव जैसी सनातन प्रथाओं के खिलाफ हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संसद के इनॉगरेशन पर इनवाइट नहीं करना इसका ताजा उदाहरण है।