केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) ने दिल्ली हाईकोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपी है. इस रिपोर्ट में मंत्रालय की तरफ से लिखा गया है कि वेब-सीरीज़ ‘कॉलेज रोमांस’ से संबंधित मामले में कोर्ट की टिप्पणियां ध्यान देने योग्य हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर क्या अश्लील है, क्या अपवित्रता और क्या बुरे शब्द. इनके इस्तेमाल को लेकर केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा है कि वो इस संहिताबद्ध करने के लिए नियम और कानून बना रही है. केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) ने दिल्ली हाईकोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपी है. इस रिपोर्ट में मंत्रालय की तरफ से लिखा गया है कि वेब-सीरीज़ ‘ कॉलेज रोमांस’ से संबंधित मामले में कोर्ट की टिप्पणियां ध्यान देने योग्य हैं. रिपोर्ट में MEITY ने कहा है कि सोशल मीडिया को नियमित करना सरकार का नीतिगत निर्णय है. इसके मुताबिक उचित नियम लागू किए जाएंगे.
इस रिपोर्ट की तफसील को जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने अपने आदेश में इन शब्दों में दर्ज किया कि कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा दायर स्टेटस रिपोर्ट की जांच की और पाया कि चूंकि यह एक नीतिगत निर्णय है, इसलिए यह कोर्ट के आदेश की समुचित अनुपालना है. पांच महीने पहले मार्च 2023 में पारित आदेश में जस्टिस शर्मा ने कॉलेज रोमांस में अश्लील और अशिष्ट भाषा के इस्तेमाल की कड़ी आलोचना की थी. तब कोर्ट ने कहा था कि वेब-सीरीज़ “अश्लील, अपवित्र और अशिष्ट है. इससे युवाओं की सोच बिगड़ेगी. सरकार ओटीटी और सोशल मीडिया पर डाले जाने वाले कंटेंट की भाषा पर अन्य कई विकसित देशों की तर्ज पर समुचित कानून और विस्तृत दिशा निर्देश बनाए. पीठ ने उस शो कॉलेज रोमांस के निर्माता और अभिनेताओं के खिलाफ दर्ज एफआइआर रद्द करने की अपील भी ठुकरा दी थी. इसके साथ मंत्रालय को मीडिया दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया एथिक्स सीआईडी 2021 के मुताबिक सख्त कदम उठाने का निर्देश भी दिया.