छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार के अभी पांच साल पूरे होने जा रहे हैं और 2-3 महीने के अंतराल ही चुनाव की घोषणा हो सकती है लेकिन चुनाव आयोग के घोषणा के पहले ही भाजपा ने जैसे ही छत्तीसगढ़ की 90 सीटों में से 21 सीटों की नामों की घोषणा करते ही पहला निशाना मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बनाते हुए पाटन विधानसभा सीट से विजय बघेल को तीसरी बार चुनाव लड़ाने के लिए मैदान में उतारा है। 2003 के चुनाव में विजय बघेल एनसीपी के टिकिट पर चुनाव मैदान में विधानसभा के लिए पहली बार भूपेश बघेल के खिलाफ मैदान में उतरे थे और चुनाव हार गये थे। लेकिन दूसरी बार फिर पाटन से भाजपा की टिकिट पर चुनाव लड़े और जीत गये थे। यहीं से विजय बघेल की राजनीति परवान चढ़ने लगी। उसके बाद पिछले लोकसभा चुनाव में विजय बघेल ने जिस तरह से भारी बहुमत से चुनाव जीत कर दुर्ग में लोकसभा की सिट हासिल की थी उससे विजय बघेल भाजपा के संगठन में एक अच्छे प्रत्याशी के रुप में जुड़ गया था। एक बार फिर 15 साल तक राज करने वाली भाजपा 5 साल के वनवास के बाद सत्ता में वापसी के लिए जिस तरह से रणनीति बना रही है उस रणनीति में 21 नामों की घोषणा से यह स्पष्ट हो गया है कि इस बार का चुनाव न केवल रोचक होगा बल्कि सत्ता की दौड़ में कौन कितना ताकतवर होगा यह आने वाले चुनाव में देखने को मिलेगा। भूपेश बघेल ने अपने पांच साल के अंदर जिस तरह से कांग्रेस को न केवल मजबूत किया है बल्कि कांग्रेस को यह भरोसा दिलाया है कि आने वाले चुनाव में कांग्रेस की वापसी कोई रोक नहीं सकता। भिलाई की सड़कों में नारे लिखे जा रहे हैं एक बार फिर कांग्रेस सरकार। इस नारे के साथ जहां कांग्रेस सत्ता वापसी के लिए संतुष्ट नजर आ रही है वहीं भाजपा ने चुनाव की सरगर्मी ने जो पहला तीर छोड़ा है उसमें सबसे बड़ा निशाना पाटन विधानसभा सीट को बनाते हुए भूपेश बघेल को टारगेट किया है। अब छत्तीसगढ़ में चुनाव की सरगर्मी तेज होती नजर आ रही है।
अब्दुल मजीद
संपादक, करंट इंडिया न्यूज