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Delhi :पारा चढ़ने के साथ ही बढ़ जाती हैं आग लगने की घटनाएं, तेजी से बढ़ीं फायर कॉल्स

Delhi :  Incidents of fire increase as the temperature rises

Delhi Fire file pic
– फोटो : अमर उजाला

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राजधानी में हर साल पारे बढ़ने के साथ ही दमकल विभाग के पास आग लगने की कॉल्स में भी तेजी से इजाफा हुआ है। दमकल विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो कंट्रोल रूप के पास आने वाली कॉल्स ने पिछले चार सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 

पिछले चार वर्षों के मुकाबले वर्ष 2022-23 (एक अप्रैल से 31 मार्च) में सबसे अधिक 31,958 कॉल आई, जबकि वर्ष 2021-22 के बीच यह आंकड़ा 27,343 का रहा था। दमकल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हर साल लगातार बढ़ रहे पारे की वजह से इन कॉल में इजाफा होने की पूरी संभावना हैं। 

मौजूदा दिनों में गर्मी ने अभी अपने तेवर ठीक से दिखाना भी शुरू नहीं किया कि फायर कंट्रोल रूम के पास अभी से औसतन हर दिन 80 कॉल आ रही हैं। मई-जून में इनकी संख्या बढ़कर 130 तक पहुंचने की आशंका है। दिल्ली फायर सर्विस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस साल मौत का आंकड़ा भी लगभग दोगुना हो गया है। इस साल अलग-अलग हादसों में 1029 लोगों की जान चली गई, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा महज 591 का था। इनमें 95 लोगों की झुलसने की वजह से जान चली गई, जबकि 934 लोग दूसरे हादसों का शिकार हुए। 

वहीं हादसे में घायल हुए लोगों की संख्या में भी खासा इजाफा देखने को मिला। इस साल कुल 2193 लोग जख्मी हुए। इनमें 749 लोग आग में झुलसकर जख्मी हुए जबकि बाकी 1444 लोग अन्य हादसों में जख्मी हुए। दमकल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कम साधन होने के बाद भी उनका प्रयास रहता है कि वह हर एक जीवन को बचाकर आम लोगों के नुकसान को कम से कम करें।

अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2023 के शुरुआती तीन माह (जनवरी से मार्च) में मौत के आंकड़े को देखे तो अब तक कुल 456 लोगों की जान जा चुकी है। यानी हर दिन पांच लोग मौत के मुंह में चले जा रहे हैं। वर्ष 2022 में इस माह अवधि के दौरान यह आंकड़ा 378 लोगों का था। वर्ष 2022-23 के बीच (एक अप्रैल से 31 मार्च) आई कॉल 31958 को देखे तो इनमें 17043 आग लगने की कॉल आई। इसके अलावा 3375 पशुओं के रेस्क्यू, 4414 पक्षी के रेस्क्यू और 7127 बाकी कॉल आईं।

लापरवाही से होते हैं ज्यादातर हादसे

दमकल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आग लगने के ज्यादातर हादसों में सबसे बड़ा कारण लापरवाही होता है। अक्सर देखा गया कि घरों में बिजली की फिटिंग कराते समय खराब क्वालिटी के तारों का इस्तेमाल किया जाता है। दीए या मोमबत्ती मच्छर भगाने वालह कॉइल जलाते समय सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जाता। वहीं, रसोई के प्रयोग करते समय भी सावधानी नहीं बरती जाती है। कुछ बातों का ध्यान रखकर हम आग से बच सकते हैं।

इन बातों का रखें ख्याल

  • बीच-बीच में कुछ देर के लिए पंखे, एसी या बिजली के अन्य उपकरण बंद करते रहें।
  • घर, ऑफिस या दुकान पर बिजली के लोड को नियमित चेक करवाते रहें।
  • गर्मी में चलाने से पहले घर का एसी, पंखा की सर्विस और जांच करवा लेना चाहिए।
  • किचन में काम करने के दौरान गैस का प्रयोग करते हुए सावधानी बरतना चाहिए।
  • गैस चूल्हे को चालू कर बाहर ना जाएं, गैस चूल्हा बंद करके ही बाहर जाएं।
  • मल्टी प्लगिंग न करें, देर तक मोबाइल व लैपटॉप को चार्जर पर लगाकर ना छोड़ें।

आग लगने की कुछ बड़ी घटनाएं

  • 20 जनवरी 2018 : बवाना स्थित फैक्टरी में आग लगने से 17 लोगों की मौत।
  • 13 अप्रैल 2018 : कोहाट एंक्लेव की एक इमारत में आग लगने से एक परिवार के चार लोगों की मौत।
  • 09 अप्रैल 2018 : सुल्तानपुरी की जूता फैक्टरी में आग से चार की मौत।
  • 19 नवंबर 2018 : करोल बाग की एक कंपनी में आग, चार की मौत।
  • 06 अगस्त 2019 : जाकिर नगर के मकान में आग से छह की मौत।
  • 08 दिसंबर 2019 : अनाज मंडी में इमारत में आग से 45 की मौत, 21 झुलसे।
  • 12 फरवरी 2019 : करोल बाग स्थित होटल अर्पित में आग से 17 लोगों की मौत।
  • 26 अक्तूबर 2021 : सीमापुरी में एक मकान में आग से दंपती व उनके दो बच्चों की मौत।
  • 12 मार्च 22 : गोकुलपुरी की झुग्गियों में आग से 7 की मौत।
  • 13 मई 2022 : मुडका की फैक्टरी में आग लगने से 27 की मौत, 12 झुलसे।
  •  31 मार्च 2023 : शास्त्री पार्क इलाके में काॅइल से लगी आग में छह की मौत।

 

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