छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले मंत्री रविन्द्र चौबे ने बड़ा बयान दिया है। प्रदेश में अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तब किसानों को 3600 रु. प्रति क्विंटल धान की कीमत मिलेगी। तीस फीसदी MSP बढ़ने के हिसाब से सरकार के अगले कार्यकाल में किसानों को मिलने वाली धान की कीमत 3600 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच जाएगी। किसानों को इसका लाभ अगले साल से मिलने लगेगा।
चौबे के मुताबिक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश के किसान मिलकर फिर कांग्रेस की सरकार बनाएंगे। किसानों की मदद से कांग्रेस 75 का आंकड़ा पार कर दिखाएगी। राज्य सरकार पहले ही समर्थन मूल्य के साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रति क्विंटल नौ हजार रुपए की सब्सिडी दे रही है। इसके चलते ही प्रदेश के किसानों को धान की भरपूर कीमत मिल रही है।
प्रदेश में इस तरह बढ़ी धान की कीमत
छत्तीसगढ़ सरकार ने इस साल 2800 रुपये धान का मूल्य देने की घोषणा की है। जो केंद्र सरकार के MSP बढ़ाने या फिर राज्य सरकार को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की राशि बढ़ाने से संभव होगा। अभी तक राज्य सरकार 2640 रुपये में धान खरीद रही है। इसमें 2040 समर्थन मूल्य और 600 रुपये प्रोत्साहन राशि है।
इस साल सरकार ने प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदने का फैसला लिया है। इसके लिए सरकार को न्याय योजना की राशि 9,000 से बढ़ाकर 12,340 रुपये करनी होगी। केंद्र सरकार ने इस साल धान का 143 रुपये MSP बढ़ाया है।
इससे सत्र 2023-24 में न्यूनतम समर्थन मूल्य 2183 रुपये हो गया। 2800 रुपये देने के लिए राज्य सरकार को प्रति क्विंटल के हिसाब से 617 रुपये बोनस राशि देनी होगी। साल 2014-15 में धान का MSP 1360 रुपये था, जो लगातार बढ़ रहा है। सेंट्रल पूल में 86 लाख टन चावल लेने के लिए केंद्र सरकार ने सहमति दे दी है।
चौबे के बयान पर सियासत
रविन्द्र चौबे के इस दावे के बाद प्रदेश के सियासत गरमा गई है। इस मामले में बीजेपी का कहना है कि रविंद्र चौबे ने अपने बयान से खुद ही यह स्पष्ट किया है कि छत्तीसगढ़ के किसानों को धान की जो भी कीमत मिलती है, वे केंद्र सरकार के MSP (मिनिमम सपोर्ट प्राइस) की वजह से ही मिलती है।
बीजेपी का कहना है कि चौबे ने यह भी स्वीकार किया है कि केंद्र की सरकार ने छत्तीसगढ़ से 130 लाख मीट्रिक टन धान से बना चावल खरीदने का फैसला लिया है। इसलिए राज्य सरकार ने भी धान खरीदी का लक्ष्य बढ़ाया है। यह स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ की धान खरीदी का अधिकतर पैसा केंद्र सरकार देती है और कांग्रेस झूठी वाहवाही लूट रही है।