आंखों में रोशनी नहीं होने और जीवन में गरीबी का अंधियारा होने से ग्राम अमनदुला के चंद्रकांत को लगता था कि उनकी जिंदगी बस ऐसे ही अंधेरो में कट जाएगी। वह अपने भविष्य को लेकर बहुत ही चिंतित रहता था। उन्होंने दृष्टिबाधित युवती दिलीप कुमारी से जब विवाह किया तो चंद्रकांत के जिंदगी में जैसे जीवन की खुशहाली की नई रोशनी जगमगा उठी। जीवनसाथी के रूप में दिलीप कुमारी तो मिली ही, शासन की ओर से समाज कल्याण विभाग के माध्यम से निःशक्त जन विवाह प्रोत्साहन योजना अंतर्गत एक लाख रुपए की सहायता राशि भी उन्हें मिली। अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए और अपने पैरों में खड़े होने के लिए दृष्टिबाधित दिव्यांग दम्पति ने इस राशि से कुछ व्यवसाय करने के लिए सोचा है।
चंद्रकांत ने बताया कि शासन द्वारा दिव्यांग दंपति को राशि देकर प्रोत्साहित किये जाने से हमें एक अलग आत्मबल मिलता है। उन्होंने बताया कि अभी वह ब्रेनलिपि सिखाने का काम करता है। एक लाख की राशि का वह सदुपयोग करेगा और कुछ कर्ज है उसे चुकाकर मुक्ति पायेगा। आज जांजगीर-चाम्पा जिले में आयोजित भरोसे के सम्मेलन में मुख्य अतिथि श्री मल्लिकार्जुन खरगे और मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल सहित अन्य अतिथियों ने जब दृष्टिबाधित दंपति को एक लाख की राशि का चेक सौंपा तो इनके चेहरों में मुस्कान थी।